01-06-73  ओम शान्ति    अव्यक्त बापदादा    मधुबन

सर्व शक्तियों का स्टॉक

विघ्न विनाशक, सर्व-शक्तिवान् महादानी शिव बाबा बोले:-

क्या अपने को विघ्न-प्रूफ समझते हो? जब स्वयं विघ्न-प्रूफ बनेंगे तब ही दूसरों को भिन्न-भिन्न प्रकार के विघ्नों से बचा सकेंगे। स्वयं में भी कोई मनसा का विघ्न है तो दूसरों को विघ्न-प्रूफ कभी भी बना न सकेंगे। अभी तो समय ऐसा आ रहा है जो सारे भंभोर को जब आग लगेगी, उस आग से बचाने के लिए कुछ मुख्य बातें आवश्यक हैं। जैसे कहीं भी आग लगती है, तो आग से बचने के लिए पहले किस वस्तु कि आवश्यकता होती है?

जब इस विनाश की आग चारो ओर लगेगी, उस समय आप श्रेष्ठ आत्माओं का पहला-पहला कर्त्तव्य कौन-सा है? शान्ति का दान अर्थात् शीतलता का जल देना। पानी डालने के बाद फिर क्या-क्या करते हैं? जिसको जो-कुछ आवश्यकता होती है वह उन की आवश्यकताएं पूर्ण करते हैं। किसी को आराम चाहिए, किसी को ठिकाना चाहिए, मतलब जिसकी जैसी आव श्यकता होती है वही पूरी करते हैं। आप लोगों को कौन-सी आवश्यकताएं पूर्ण करनी पड़ेंगी, वह जानते हो? उस समय हरेक को अलग-अलग शक्ति की आवश्यकता होगी। किसी को सहनशक्ति की आवश्यकता, किसी को समेटने की शक्ति की आवश्यकता, किसी को निर्णय करने की शक्ति की आवश्यकता और किसी को अपने-आप को परखने की शक्ति की आवश्यकता होगी। किसी को मुक्ति के ठिकाने की आवश्यकता होगी। भिन्न-भिन्न शक्तियों की उन आत्माओं को उस समय आवश्यकता होगी। बाप के परिचय द्वारा एक सेकेण्ड में अशान्त आत्माओं को शान्त कराने की शक्ति भी उस समय आवश्यक है। वह अभी से ही इकट्ठी करनी होगी। नहीं तो उस समय लगी हुई आग से कैसे बचा सकेंगे? जी-दान कैसे दे सकेंगे? यह अपने-आप को पहले से ही तैयारी करने के लिए देखना पड़ेगा।

जैसे छ: मास का स्टॉक रखते हो न, कि छ: मास में इस-इस वस्तु की आवश्यकता होगी। चेक करके फिर भर देते हो। इस प्रकार क्या यह स्टॉक भी चेक करते हो? सारे विश्व की सभी आत्माओं को शक्ति का दान देना पड़ेगा। इतना स्टॉक जमा किया है जो स्वयं भी अपने को शक्ति के आधार से चला सकें और दूसरों को भी शक्ति दे सकें ताकि कोई भी वंचित न रहे। अगर अपने पास शक्तियाँ जमा नहीं हैं और एक भी आत्मा वंचित रह गई तो इसका बोझा किस पर होगा? जो निमित्त बनी हुई हैं। सदैव अपनी हर शक्ति का स्टॉक चेक करो। जिसके पास सर्व-शक्तियों का स्टॉक जमा है वही म्ख्य गाये जाते हैं।

जैसे स्टार्स दिखाते हैं उनमें भी नम्बरवार होते हैं। जिन के पास स्टॉक जमा है वही लक्की स्टार्स के रूप में चमकते हुए विश्व कि आत्माओं के बीच नजर आयेंगे। तो यह चैकिंग करनी है कि क्या सर्वशक्तियों का स्टॉक है? महारथियों का हर संकल्प पर पहले से ही अटेन्शन रहता है। महारथियों के चेक करने की रूप-रेखा ही न्यारी है। योग की शक्ति होने के कारण ऑटोमेटिकली युक्ति-युक्त संकल्प, बोल और कर्म होंगे। अभी यह नेचरल रूप हो गया है। महारथियों के चैकिंग का रूप भी यह है। सर्वशक्तियों में किस शक्ति का कितना स्टॉक जमा है। उस जमा किऐ हुए स्टॉक से कितनी आत्माओं का कल्याण कर सकते हैं। जैसे स्थूल स्टॉक की देख-रेख करना और जमा करना यह ड्यूटी है; वैसे ही सर्वशक्तियों के स्टॉक जमा करने की भी ज़िम्मेवारी है। यह होता है ऑलराउण्डर का हर चीज के स्टॉक की आवश्यकता प्रमाण जमा करना। अमृतबेले उठकर अपने को अटेन्शन के पट्टे पर चलाना तो पट्टे पर गाड़ी ठीक चलेगी। फिर नीचे-ऊपर होना सम्भव ही नहीं। तो अभी यह स्टॉक जमा करने की चैकिंग रखनी है। सारे विश्व को जिम्मेवारी तुम बच्चों पर है। सिर्फ भारत की नहीं। महारथियों का हर कर्म महान् होना चाहिए। किससे?-घोड़े सवार और प्यादों से महान्। अच्छा।

इस मुरली से विशेष तथ्य

1. जैसे स्थूल वस्तुओं का स्टॉक रखते हो ना कि छ: मास में इस-इस वस्तु की आवश्यकता होगी। चेक कर के फिर भर देते हो। इसी प्रकार शक्तियों का स्टॉक भी चेक करते रहो। इतना स्टॉक जमा हो जो स्वयं भी अपने को शक्ति के आधार से चला सकें और दूसरों को भी शक्ति दे सकें।

2. जैसे स्टार्स में भी नम्बरवार होते हैं, इसी प्रकार ज्ञान सितारों में भी नम्बरवार होते हैं। जिन के पास शक्तियों का स्टॉक जमा हो वही लक्की स्टार्स के रूप में चमकते हुए विश्व की आत्माओं के बीच नजर आयेंगे।

3. महारथी वह जो यह चेक करता रहे कि सर्वशक्तियों में किस शक्ति का कितना स्टॉक जमा है, उस जमा किये हुए स्टॉक से कितनी आत्माओं का कल्याण कर सकते हैं।